केन्द्र और राज्य की साझी योजनाओं का शेयरिंग पैटर्न सुधारने की पैरवी, जानिये क्या कहा गहलोत सरकार ने । Center-state sharing pattern deteriorating in partnership plans– News18 Hindi
कृषि, सिंचाई, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और पानी से जुड़ी ऐसी कई योजनाएं हैं जो केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से संचालित की जाती है. इन योजनाओं और कार्यक्रमों में केन्द्र सरकार की ओर से पहले ज्यादा सहायता मिलती थी लेकिन धीरे-धीरे केन्द्र अपनी हिस्सेदारी कम करता जा रहा है. ये योजनाएं और कार्यक्रम बड़े स्तर पर संचालित किए जाते हैं और बड़ी राशि इनके क्रियान्वयन पर खर्च होती है. अगर इनके शेयरिंग पैटर्न में थोड़ा भी बदलाव होता है तो राज्य सरकार पर बड़ा आर्थिक भार पड़ता है.
ऐसे बढ़ रहा है राज्य पर बोझ
– राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन और राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में पहले 100 फीसदी हिस्सेदारी केन्द्र की होती थी.
– अब इनमें राज्य और केन्द्र सरकार का 40-60 का शेयरिंग पैटर्न है.
– समेकित बाल विकास सेवाएं कार्यक्रम में पहले राज्य और केन्द्र का 10-90 का शेयरिंग पैटर्न था.
– अब इसमें राज्य और केन्द्र का 40-60 का शेयरिंग पैटर्न है.
– राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन में पहले राज्य और केन्द्र का 25-75 का शेयरिंग पैटर्न था.
– अब इसमें राज्य और केन्द्र का 40-60 का शेयरिंग पैटर्न है.
– मरुस्थलीय क्षेत्रों में सिंचाई निर्माण में पहले 10-90 का शेयरिंग पैटर्न था जो अब 40-60 का हो गया.
– इन्दिरा गांधी नहर परियोजना में पहले 25-75 का शेयरिंग पैटर्न था जो अब 40-60 का हो गया.
– राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में पहले 25-75 का शेयरिंग पैटर्न था जो अब 40-60 का हो गया.
– समेकिक महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क परियोजना में 100 फीसदी हिस्सेदारी केन्द्र की होती थी.
– अब इनमें राज्य और केन्द्र सरकार का 40-60 का शेयरिंग पैटर्न है.
टैक्स में बदलाव से भी घट रहा है हिस्सा
परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास का कहना है कि ना केवल योजनाओं-कार्यक्रमों के शेयरिंग पैटर्न में बदलाव कर राज्य सरकारों पर ज्यादा बोझ डाला जा रहा है बल्कि पेट्रोल-डीजल आदि पर भी स्पेशल एक्साइज ड्यूटी लगाकर राज्यों का हिस्सा कम किया जा रहा है. उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार जीएसटी में भी तय हिस्सा नहीं मिलने का आरोप केन्द्र सरकार पर लगाती रही है.