सुशील कुमार शिंदे का छलका दर्द, बोले- कांग्रेस में अब बहस और बातचीत की परंपरा खत्म हो गई है

पुणे में आयोजित एक कार्यक्रम में सुशील कुमार शिंदे ने कहा, ‘कांग्रेस की बहस और संवाद पर सत्र आयोजित करने की परंपरा अब खत्म हो गई है. मुझे इसका दुख है. पार्टी को आत्ममंथन की जरूरत है. हमारी नीतियां गलत हो सकती हैं, लेकिन उन्हें सही करने के लिए ऐसे सत्रों की जरूरत है. एक समय था, जब पार्टी में मेरे शब्दों की कीमत थी, लेकिन मुझे पता नहीं है कि अब है या नहीं.’
पार्टी से सवाल
बता दें कि पिछले साल कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पार्टी में बड़े बदलाव को लेकर अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी. इस ग्रुप को G-23 काम नाम दिया गया. इस ग्रुप में कपिल सिब्बल, शशि थरूर, गुलाम नवी आज़ाद और आनंद शर्मा जैसे दिग्गज शामिल थे. पार्टी ने अभी तक इन नेताओं की नाराज़गी दूर नहीं की है.
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शिंदे के बयान पर शिवसेना की राय
इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘अगर सुशील कुमार शिंदे ने कुछ कहा है, तो पार्टी को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए क्योंकि वो कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं और उन्होंने पार्टी के लिए बहुत कुछ किया हैं.’
उधर शिवसेना सांसद संजय राउत ने ये भी कहा कि महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी सरकार स्थिर है और सत्तारूढ़ गठबंधन को किसी तरह के ‘खतरे’ के विपक्ष के दुष्प्रचार में कोई सच्चाई नहीं है. एमवीए सरकार में मतभेदों की अटकलों के बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात करने के एक दिन बाद राउत की ये टिप्पणियां आयी हैं. एमवीए सरकार में शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं. ऐसी अफवाहें चल रही हैं कि शिवसेना अपने पूर्व सहयोगी दल भाजपा से सुलह करने पर विचार कर रही है.