भारत में कोरोना से होने वाली मौतों में आई 43% की गिरावट, कई राज्यों में 100 से भी कम नए केस
नई दिल्ली.
भारत में जहां कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) की दूसरी लहर ढलान की ओर बढ़ रही है तो वहीं रोजाना इस महामारी से होने वाली मौतों में भी गिरावट देखी जा रही है. देश में कोरोना वायरस से होने वाली मौतें 43 फीसदी तक कम हुई हैं, वहीं कोरोना वायरस के रोजाना आने वाले मामलों में 75 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा रही है. सीएनएन न्यूज18 द्वारा स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक मई में भारत में कोरोना वायरस के चलते 1.17 लाख लोगों की मौते हुई थीं जबकि नए मामलों की संख्या 88.82 रही थी. जून में अब तक 66.550 मौतें हुई हैं वहीं 21.87 लाख केस सामने आए हैं.मई माह में कोरोना वायरस के मामले पीक पर रहे. मई में कई दिनों तक देश में 4,000 से ज्यादा मौतें हुईं जबकि 4 लाख से ज्यादा केस भी दर्ज किए गए. हालांकि मई के मध्य में इन मामलों की रफ्तार में कमी दर्ज की गई. कई राज्यों में, जहां मई में हजारों मामले दर्ज किए जा रहे थे वहां अब ये संख्या सैकड़ों में सीमित हो गई है. यहां तक कि कुछ राज्यों में 100 से भी कम मामले दर्ज किए जा रहे हैं.
ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में ‘दरबार मूव’ परंपरा खत्म, बचेंगे सलाना 200 करोड़ रुपये
7 मई को भारत में आए थे अब तक के सबसे ज्यादा केस
भारत में बुधवार को 45,951 नए केस दर्ज किए गए जो कि 7 मई की तुलना में 89 फीसदी कम है. जबकि देश में एक दिन में सबसे अधिक 4.41 लाख मामले दर्ज किए गए थे. जो कि वैश्विक स्तर पर भी अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा था.
भारत में 1 जून को कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या 18.95 लाख थी, जो कि अब 72 फीसदी घट गई है. देश में बुधवार को एक्टिव मामलों की संख्या 5.37 लाख है. देश में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की संख्या 10 मई को अपने पीक पर 37.45 लाख से ज्यादा थी. इसकी तुलना में फिलहाल एक्टिव केस 86 फीसदी घट गई है.
देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी. वहीं, संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख के पार हो गए. देश में 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार, चार मई को दो करोड़ के पार और 23 जून को तीन करोड़ के पार चले गए थे