US appointed MP Raja Krishnamurthy a ranking member of the newly formed House Committee on China। अमेरिका ने सांसद राजा कृष्णामूर्ति को चीन पर नवगठित हाउस कमेटी का ‘रैंकिंग सदस्य’ बनाया


राजा कृष्णामूर्ति
US-China Relation: भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति को चीन पर नवगठित हाउस कमेटी का ‘रैंकिंग सदस्य’ बनाया गया है, जो चीन की उन कार्रवाइयों से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर गौर करेगी जिससे अमेरिका और दुनिया को खतरा हो सकता है। वहीं भारतीय-अमेरिकी सांसद डॉ. एमी बेरा को भी बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्हें खुफिया मामलों से जुड़ी एक शक्तिशाली यूएस हाउस कमेटी (Parliamentary Committee) का सदस्य नियुक्त किया गया है।
‘द हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमेटी ऑन इंटेलिजेंस’ पर केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA), नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर (DNI) के कार्यालय, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी (NSA) के साथ-साथ सेना के खुफिया कार्यक्रमों सहित देश की खुफिया गतिविधियों की निगरानी करने का प्रभार है। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अल्पसंख्यक मामलों के नेता हकीम जेफरीज ने बुधवार को अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति के ‘रैंकिंग सदस्य’ के रूप में कृष्णमूर्ति की नियुक्ति की घोषणा की।
भारतीय-अमेरिकी सांसद रो खन्ना को भी इस नई समिति का सदस्य बनाया गया है। इसका गठन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी द्वारा 118वीं कांग्रेस (संसद) में अमेरिका की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ आर्थिक, तकनीकी व सुरक्षा संबंधी प्रतिस्पर्धा से निपटने, उसकी जांच करने व नीति विकसित करने के उद्देश्य से किया है।
कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘‘अमेरिका और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बीच रणनीतिक प्रतिस्पर्धा पर सदन की चयन समिति में ‘रैंकिंग सदस्य’ के रूप में मुझे नियुक्त करने के लिए मैं नेता जेफरीज का आभारी हूं। उन्होंने कहा, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी, अमेरिका और दुनिया भर में लोकतंत्र व समृद्धि के लिए गंभीर आर्थिक व सुरक्षा संबंधी खतरे उत्पन्न करती है, जो ताइवान के लोकतंत्र के खिलाफ उसके खतरों, टिकटॉक (एप) को एक हथियार बनाने और सैकड़ों अमेरिकी डॉलर की बौद्धिक संपत्ति की चोरी से स्पष्ट है।’’
वहीं बेरा ने कहा, ‘‘मैं हकीम जेफरीज द्वारा हाउस इंटेलिजेंस कमेटी के लिए मुझे नियुक्त करने पर सम्मानित महसूस कर रहा हूं, जो अमेरिका की सुरक्षा व राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘ देश और विदेश दोनों में बढ़ते खतरों के बीच मुझे अमेरिकी परिवारों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई है और मैं इस नई भूमिका को गंभीरता से लेता हूं।’’
भारत और अमेरिका के बीच के संबंधों में आएगी मजबूती
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि ‘क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज’ (ICET) पर भारत-अमेरिका की पहल दोनों देशों के वास्ते एक लोकतांत्रिक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए महत्वपूर्ण है। व्हाइट हाउस ने यह जानकारी दी। भारत-अमेरिका संबंधों में आईसीईटी को “नेक्स्ट बिग थिंग” एक बड़ा कदम बताया जा रहा है। मंगलवार को यहां व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और भारत के अजित डोभाल द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन ज्यां-पियरे ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, “ राष्ट्रपति का मानना है कि यह पहल अमेरिका और भारत के लिए एक लोकतांत्रिक प्रौद्योगिकी पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों व हमारे लोकतांत्रिक संस्थानों को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए, हम इसे भारत के साथ बेहद महत्वपूर्ण पहल और साझेदारी के रूप में देखते हैं।”
आईसीईटी का मई 2022 में तोक्यो में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच बैठक के बाद पहली बार एक संयुक्त बयान में उल्लेख किया गया था। इसका मकसद दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सामरिक प्रौद्योगिकी साझेदारी तथा रक्षा औद्योगिक सहयोग को बढ़ाना तथा उसे विस्तार देना है।
ज्यां-पियरे ने बुधवार को एक सवाल के जवाब में कहा, “राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री मोदी ने इस पहल की घोषणा तब की जब वे पिछले साल मई 2022 में एक बैठक में (तोक्यो में) मिले थे और अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों को महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों में हमारी साझेदारी का नेतृत्व करने का निर्देश दिया।”