केरल की बहनों से शादी करने वाले शख्स की एक पत्नी ने कूबूल किया इस्लाम, पड़ोसियों पर लगाया आरोप

मूल रूप से कन्नूर जिले के इरिट्टी निवासी गिल्बर्ट, सत्ताधारी दल सीपीएम की निरोलपाल शाखा के सदस्य थे. साथ ही वह अंगदीपुरम क्षेत्र समिति के मेंबर भी थे. वह अपनी दूसरी शादी के बाद कन्नूर से 120 किलोमीटर दूर थेनिप्पलम चले गए. उन्होंने कहा ‘कन्नूर के कोट्टियूर की बहनों से मैंने शादी की. मैंने अपनी शादी के चार साल बाद दूसरी शादी उसकी बहन के साथ की. मैं अपनी दूसरी शादी के बाद थेनहिप्पलम चला गया क्योंकि स्थानीय लोग इस शादी के खिलाफ थे.’
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दूसरी शादी कानूनी नहीं
गिल्बर्ट ने माना कि उनकी दूसरी शादी कानूनी नहीं है. उन्होंने कहा कि लगभग तीन किलोमीटर की दूरी पर रहने वाली दोनों ‘पत्नियों’ के बीच कोई गलतफहमी नहीं थी. गिल्बर्ट ने कहा ‘मुझे लगभग 15 साल पहले कन्नूर से बाहर जाना पड़ा क्योंकि हम हम एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे और वह (छोटी बहन) मुझे नहीं छोड़ सकती थी. उनका भाई हमें यहां लाया था.’
गिल्बर्ट के अनुसार इस्लाम धर्म अपनाने वाली पत्नी हर रोज चर्च में जाती थी. गिल्बर्ट ने कहा ‘मेरी पहली पत्नी और दो बच्चे कोहिनूर में और दूसरे निरोलपालम में रहते हैं. मैं आस्तिक नहीं था लेकिन मेरे बच्चे और परिवार चर्च से जुड़े हुए थे. एक पत्नी कोंडोट्टी के चर्च में जाती थी और दूसरी कोहिनूर के पास एक चर्च में जाती थी.’
गिल्बर्ट ने कहा कि उनकी पत्नी एक बेकरी के दुकान पर काम करती थीं. इसी दुकान पर एक शख्स और बुशरा नाम की महिला ने बेटे और पत्नी का धर्म परिवर्तन कराया. उन्होंने कहा ‘मैं एक टैक्सी ड्राइवर हूं. जैसे ही मैं काम के लिए निकलता था तभी पड़ोस की मुस्लिम महिलाएं घर आती थीं और उन्हें धर्म परिवर्तन करने के लिए प्रभावित किया. पत्नी के पास रोजाना फोन आते थे. मेरे घर आने वाले लोगों में दो शख्स सीपीएम के थे. लगभग 15 दिन पहले मुझे पता चला कि उनकी वह पत्नी और बेटे का धर्म परिवर्तन कराना चाहते हैं.
गिल्बर्ट ने कहा कि जब अपनी पत्नी और बेटे को जबरन धर्म परिवर्तन से बचाने के लिए शिकायत की तब उन्हें पार्टी से हटा दिया गया. उन्होंने कहा, ‘मैंने इसकी शिकायत जिले के एसपी, मुख्यमंत्री और केंद्रीय गृह मंत्री से की है.’ हालांकि सीपीएम ने स्पष्ट किया कि गिल्बर्ट पार्टी से निष्कासन का उनके आरोपों से कोई संबंध नहीं है.