हिंद-प्रशांत वैश्वीकरण की हकीकत को दर्शाता है: जयशंकर

उन्होंने कहा, ‘‘हिंद-प्रशांत वैश्वीकरण की हकीकत, बहुध्रुवीयता का उभरना और पुनर्संतुलन के फायदों को दर्शाता है. यह शीत युद्ध से उबरने और द्विध्रुवीय व्यवस्था एवं प्रभुत्व को खारिज करता है.’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘हममें से अधिकतर के लिए यह वैश्विक समृद्धि एवं वैश्विक वाणिज्य को बढ़ावा देने के सामूहिक हितों की अभिव्यक्ति है.’’ उन्होंने कहा कि भारत की हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) स्पष्ट रूप से यह साबित करती है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में बैंकॉक में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में आईपीओआई के गठन का प्रस्ताव दिया था, ताकि समुद्री क्षेत्र का संरक्षण किया जा सके और उसका सतत इस्तेमाल किया जा सके और सुरक्षित समुद्री क्षेत्र बनाने का सार्थक प्रयास हो सके.
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