80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की जरूरत सरकार के विकास का दर्दनाक उदाहरण: कांग्रेस


राहुल गांधी के कहने का मतलब यह है कि जब 135 में से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन दिया जा रहा है तो मोदी किस बात के लिए विकास का ढिंढोरा पीटते हैं. (File pic)
30 जून 2021 को राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 80 करोड़ लोगों को नवंबर तक मुफ्त में राशन देने का ऐलान किया. पीएम मोदी ने कहा की त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है.
नयी दिल्ली. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश की कुल 135 करोड़ जनता में से 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन की जरूरत पड़ रही है जो मोदी सरकार में विकास का एक और दर्दनाक उदाहरण है. गांधी ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘135 करोड़ की आबादी में से 80 करोड़ लोगों को ‘गरीब कल्याण’ के तहत मुफ्त राशन की जरूरत है. मोदी सरकार के ‘विकास’ का एक और दर्दनाक उदाहरण.’’
कांग्रेस नेता ने एक अन्य ट्वीट में सरकार पर पेट्रोल और डीजल पर लगाये गये उच्च कर को लेकर भी निशाना साधा. उन्होंने एक खबर का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘‘कर वसूली में पीएचडी.’’
पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर कही ये बात
खबर में दावा किया गया है कि सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कर से जो धन अर्जित किया है, वह आयकर और कॉर्पोरेट कर से अधिक है.जानिए प्रधानमंत्री मोदी के ऐलान के बारे में…
30 जून 2021 को राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 80 करोड़ लोगों को नवंबर तक मुफ्त में राशन देने का ऐलान किया. पीएम मोदी ने कहा की त्योहारों का ये समय, जरूरतें भी बढ़ाता है, खर्चे भी बढ़ाता है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ये फैसला लिया गया है कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना का विस्तार अब दीवाली और छठ पूजा तक, यानि नवंबर महीने के आखिर तक कर दिया जाए. इस योजना का लाभ 80 करोड़ लोग ले पायेंगें.
इसके आलावा पीएम मोदी ने जानकारी देते हुए बताया की बीते तीन महीनों में 20 करोड़ गरीब परिवारों के जनधन खातों में सीधे 31 हजार करोड़ रुपए जमा करवाए गए हैं. इस दौरान 9 करोड़ से अधिक किसानों के बैंक खातों में 18 हजार करोड़ रुपए जमा हुए हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एक और बड़ी बात है जिसने दुनिया को भी हैरान किया है, आश्चर्य में डुबो दिया है. वो ये कि कोरोना से लड़ते हुए भारत में, 80 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 महीने का राशन, यानि परिवार के हर सदस्य को 5 किलो गेहूं या चावल मुफ्त दिया गया.