कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट को लेकर AIIMS के डारेक्टर ने जताई चिंता, कहा- नहीं संभले तो बन सकता है ‘वेरिएंट ऑफ कन्सर्न’


अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया. (पीटीआई फाइल फोटो)
India Coronavirus News: भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए B.1.617.2 वेरिएंट को जिम्मेदार माना जाता है, जिसे पहले WHO ने ‘चिंता का स्वरूप’ बताया था और बाद में उसका नाम डेल्टा वेरिएंट रखा गया.
नई दिल्ली. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने रविवार को कहा कि डेल्टा प्लस वेरिएंट, जो कि भारत में पहली बार पाए गए कोरोना वायरस के अधिक आक्रामक B.1.617.2 वेरिएंट का उत्परिवर्तित संस्करण (Mutated Version) है, फिलहाल K417N नामक अतिरिक्त उत्परिवर्तन (Additional Mutation) से गुजर रहा है और जो अनियंत्रित होने पर ‘चिंता का एक प्रकार’ बन सकता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को ब्रिटेन से सीखने की जरूरत है जहां इस वेरिएंट की वजह से कोरोना वायरस के मामलों में इजाफा हुआ है.
डॉ. गुलेरिया ने एनडीटीवी से कहा कि यदि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं किया गया और भीड़-भाड़ नहीं रोकी गई तो भारत में वायरल संक्रमण की रफ्तार तेज हो सकती है. उन्होंने देश के कुछ हिस्सों में लॉकडाउन अथवा पाबंदियों के हटने के बाद वहां कोरोना के मामलों में इजाफे से बचाव के लिए मजबूत निगरानी पर भी जोर दिया.
गौरतलब है कि भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के लिए B.1.617.2 वेरिएंट को जिम्मेदार माना जाता है, जिसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने ‘चिंता का स्वरूप’ बताया था और बाद में उसका नाम डेल्टा वेरिएंट रखा गया.