3 दिवसीय यात्रा पर केन्या पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर, विदेश मंत्री रेशेल ओमामो से की वार्ता


जयशंकर भारत-केन्या संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए केन्याई सरकार के अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे.
(ANI File Photo)
जयशंकर ने ओमामो को उनके ‘‘शानदार स्वागत और आतिथ्य’’ के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग पर ‘‘सार्थक चर्चा’’, जिसे दोनों देश संयुक्त आयोग के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे.
नैरोबी. विदेश मंत्री एस जयशंकर और केन्या की विदेश मंत्री रेशेल ओमामो ने शनिवार को द्विपक्षीय सहयोग पर ‘‘सार्थक चर्चा’’ की. शनिवार को तीन दिवसीय यात्रा पर केन्या पहुंचे जयशंकर ने केन्या की अपनी समकक्ष के साथ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत बातचीत की. वार्ता के बाद जयशंकर ने ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के दो सदस्यों के रूप में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान. एक ऐतिहासिक एकजुटता आज एक आधुनिक साझेदारी है.’’
जयशंकर ने ओमामो को उनके ‘‘शानदार स्वागत और आतिथ्य’’ के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने द्विपक्षीय सहयोग पर ‘‘सार्थक चर्चा’’, जिसे दोनों देश संयुक्त आयोग के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे. वह केन्या की विदेश मंत्री के साथ भारत-केन्या संयुक्त आयोग की तीसरी बैठक की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की जायेगी. संयुक्त आयोग की पिछली बैठक मार्च, 2019 को नई दिल्ली में आयोजित हुई थी.
दोनों देशों के संबंध आगे बढ़ाने पर हुई चर्चा
जयशंकर भारत-केन्या संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए केन्याई सरकार के अन्य मंत्रियों से भी मुलाकात करेंगे. उनकी यात्रा से पहले नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने कहा था, ‘‘विकास साझेदारी, दोनों देशों के बीच संबंधों का एक महत्वपूर्ण पक्ष है और यह आगे और गहरी होगी.’’ मंत्री भारतीय मूल के समुदाय के साथ भी बातचीत करेंगे, जो दोनों देशों के बीच एक महत्वपूर्ण सेतु है.
केन्या में भारतीय मूल के लोगों का एक जीवंत समुदाय है, जिनकी संख्या वर्तमान में 80,000 है, जिसमें लगभग 20,000 भारतीय नागरिक शामिल हैं. भारत और केन्या वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में हैं. वे राष्ट्रमंडल के सदस्य भी हैं. केन्या अफ्रीकी संघ का एक सक्रिय सदस्य है, जिसके साथ भारत के लंबे समय से संबंध हैं.