ब्रिटेन ने भारत को दिया भरोसा, आर्थिक अपराधियों का प्रत्यर्पण जल्द किया जाएगा


इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने दी है. (तस्वीर ANI)
ब्रिटेन सरकार (British Government) ने भारत से कहा है कि इन अपराधियों के जल्द प्रत्यर्पण के लिए सभी तरह की मदद की जाएगी. यूके की गृह मंत्री प्रीति पटेल पहले ही नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दे चुकी हैं. नीरव ने वहां की कोर्ट में ऑर्डर के खिलाफ अपील की है.
नई दिल्ली. ब्रिटेन ने भारत को भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी (Nirav Modi) और अन्य आर्थिक अपराधियों (Economic Offenders) के जल्द प्रत्यर्पण का भरोसा दिया है. ब्रिटेन सरकार ने भारत से कहा है कि इन अपराधियों के जल्द प्रत्यर्पण के लिए सभी तरह की मदद की जाएगी. यूके की गृह मंत्री प्रीति पटेल पहले ही नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किए जाने का आदेश दे चुकी हैं. नीरव ने वहां की कोर्ट में ऑर्डर के खिलाफ अपील की है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा है कि मई महीने में भारत-यूके सम्मेलन के दौरान लंदन की तरफ से ये आश्वासन दिया गया था. उन्होंने कहा चार मई को बैठक में आर्थिक अपराधियों के प्रत्यर्पण का मामला उठाया गया था. यूके की तरफ से कहा गया कि न्यायिक प्रक्रिया की वजह से इस मामले में कुछ बाधा उत्पन्न हो रही है. वो इस मामले से पूरी तरह अवगत हैं और प्रत्यर्पण के लिए हरसंभव मदद देंगे.
मेहुल-नीरव को वापस लाए जाने के सभी प्रयास जारी
मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के संबंध में अरिंदम बागची ने कहा है कि इन दोनों को वापस लाए जाने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. मेहुल चोकसी के बारे में उन्होंने कहा-इस सप्ताह को विशेष अपडेट नहीं है. वो अभी डोमनिका प्रशासन की हिरासत में है और न्यायिक प्रक्रिया चल रही है.डोमनिका में प्रतिबंधित अप्रवासी घोषित हुआ मेहुल चोकसी
बता दें कि मेहुल चोकसी की मुश्किल बढ़ती जा रही हैं. अब डोमनिका ने चोकसी को प्रतिबंधित अप्रवासी घोषित कर दिया है. अंग्रेजी अखबार हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार चोकसी पर डोमिनिका में अवैध तरीके से घुसने का आरोप लगाया गया है. डोमिनिका के राष्ट्रीय सुरक्षा और गृह मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, मेहुल चोकसी को 25 मई को एक प्रतिबंधित अप्रवासी घोषित किया गया था. मंत्रालय ने पुलिस को आप्रवासन और पासपोर्ट अधिनियम की धारा 5(1)(1) के तहत चोकसी को ‘डोमिनिका के राष्ट्रमंडल से हटाने’ का निर्देश दिया था.