कोविड से ठीक होने वालों में त्वचा रोग, हर्पीस, बाल झड़ने जैसी बीमारियां बढ़ीं


कोविड से ठीक हो चुके कई लोगों हर्पीस संक्रमण, बाल झड़ने जैसी त्वचा संबंधी परेशानियों से जूझ रहे हैं.
कोरोना वायरस डिसीज या कोविड-19 से ठीक होने वालों में त्वचा रोग, हर्पीस, बाल झड़ने जैसी बीमारियां बढ़ीं हैं. डॉक्टरों की मानें तो कोविड से ठीक होने के बाद त्वचा की समस्याओं से जूझ रहे बहुत से मरीज इस डर से ओपीडी के चक्कर लगा रहे हैं कि कहीं उन्हें म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस तो नहीं हो गया. त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है कि मरीजों को अपनी त्वचा में किसी भी प्रकार की सूजन पर ध्यान देना चाहिए और अगर वह अनियंत्रित रूप से बढ़ती है तो तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
नई दिल्ली. कोरोना से जंग जीतने वालों में से कई लोगों को त्वचा संबंधी रोगों, हर्पीस संक्रमण से लेकर बाल झड़ने जैसी नयी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. डॉक्टराें का मानना है कि रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाने से ऐसी बीमारियांं हो रही हैं. पोस्ट कोविड लक्षणों की पहचान कर तुरंत डॉक्टर की सलाह देना जरूरी है.
दिल्ली, मुंबई तथा अन्य शहरों के त्वचा रोग विशेषज्ञों का मानना है कि अस्पताल से छुट्टी मिलने और घर पर पृथक-वास समाप्त करने के बाद भी कोरोना वायरस से पीड़ित मरीजों को अपनी त्वचा में किसी भी प्रकार की सूजन पर ध्यान देना चाहिए और अगर वह अनियंत्रित रूप से बढ़ती है तो तत्काल डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
चिंता है कि कहीं ब्लैक फंगस तो नहीं हो गया
दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल में कार्यरत वरिष्ठ त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉ डी एम महाजन का कहना है कि कोविड से ठीक होने के बाद त्वचा की समस्याओं से जूझ रहे बहुत से मरीज इस डर से ओपीडी के चक्कर लगा रहे हैं कि कहीं उन्हें म्यूकरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस तो नहीं हो गया. डॉ महाजन के अनुसार, लोगों को त्वचा संबंधी रोगों के बारे में सचेत रहना चाहिए लेकिन घबराना नहीं चाहिए. उन्होंने पीटीआई भाषा से कहा, “ठीक हो रहे कई कोविड मरीजों में त्वचा संबंधी समस्याएं सामने आ रही हैं और उनमें सबसे ज्यादा हर्पीस के मामले हैं. बहुत से मरीज जिनकी यह पुरानी समस्या है, हर्पीस का संक्रमण दोबारा उभर रहा है और अन्य लोगों में इसके नए मामले देखने को मिल रहे हैं. दोनों ही स्थिति में, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होना इसका कारण है.” महाजन ने कहा कि कोविड से ठीक हो रहे मरीजों में कैंडिडा फंगस से संक्रमण के मामले भी सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि जननांगों में सफेद दाग उत्पन्न करने वाला यह संक्रमण ज्यादा मात्रा में ‘स्टेरॉयड’ दवाएं लेने से हो सकता है. हर्पीस संक्रमण के मामले अधिक मात्रा में सामने आए
मुंबई स्थित त्वचा रोग विशेषज्ञ और बाल प्रतिरोपण सर्जन डॉ सोनाली कोहली के अनुसार कोविड-19 से मरीज की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है जिससे त्वचा, बाल और नाखूनों से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. उन्होंने कहा, “कोविड से ठीक हो रहे मरीजों में एक महीने बाद भी हर्पीस संक्रमण के मामले अधिक मात्रा में सामने आ रहे हैं. इसके अलावा कई मरीजों में बालों का झड़ना और नाखूनों में समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं. हालांकि, हर्पीस और कोविड के बीच संबंध पर कोई क्लिनिकल अध्ययन नहीं हुआ है.”
महिलाओं में तेजी से बाल झड़ने की समस्या ज्यादा
मुंबई के सर एच एन रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में कार्यरत त्वचा रोग विशेषज्ञ कोहली ने कहा कि बाल झड़ने की समस्या यदि अधिक समय तक रहती है तो मरीजों को डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. दिल्ली की 24 वर्षीय एक छात्रा निकिता कुमार अप्रैल में कोरोना वायरस से संक्रमित हुई थीं और अब वह ठीक हो रही हैं. उन्होंने कहा कि ठीक होने के शुरुआती दिनों में उनके बहुत से बाल झड़ गए थे. उन्होंने कहा, “मैंने एक त्वचा रोग विशेषज्ञ से सलाह ली थी जिन्होंने मुझे एक सीरम बताया था. उन्होंने कहा था कि एक दो महीने में ठीक हो जाएगा. इसके अलावा जब मैंने इस विषय पर ऑनलाइन उपलब्ध सामग्री को पढ़ा तो पता चला कि बॉलीवुड की एक प्रसिद्ध अभिनेत्री के भी कोविड के बाद बाल झड़ गए थे.” वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल में कार्यरत डॉ निधि रस्तोगी के अनुसार, कोविड से ठीक होने के बाद बालों का झड़ना महिलाओं में ज्यादा देखने को मिल रहा है.