General use of drone in every sector including agricultural central government said in budget 2022 speech dlnh

नई दिल्ली. अब सिर्फ सुरक्षा से जुड़े मामलों में ही नहीं, और दूसरी फील्ड में भी ड्रोन (Drone) को बढ़ावा दिया जाएगा. बजट 2022 (Budget 2022) पेश करने के दौरान केन्द्र सरकार ने इसका ऐलान किया है. ड्रोन को भी मोबाइल फोन (Mobile Phone) और कंप्यूटर की तरह से रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल किया जाएगा. बजट भाषण के दौरान खेती (Agricultural) जैसे बड़े सेक्टर में भी ड्रोन के इस्तेमाल का जिक्र किया गया. लेकिन डॉयरेक्टर जनरल सिविल एविएशन (DGCA) की पहले से मौजूद ड्रोन पॉलिसी के मुताबिक हर कोई ड्रोन नहीं उड़ा सकेगा. वजन के हिसाब से ड्रोन उड़ाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जो ड्रोन उड़ा रहा है उसका भी एक्सपर्ट होना जरूरी होगा. कहां, कितनी ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाया जाएगा, इसकी भी गाइड लाइन तय कर दी गई है.
ड्रोन के वजन के मुताबिक यह होंगे मानक
ड्रोन को उसके वजन के मुताबिक अलग-अलग कैटेगिरी में रखा गया है. जैसे 250 ग्राम या इससे कम वजन वाले नैनो ड्रोन कहलाएंगे. जबकि इससे अधिक वजन वाले ड्रोन माइक्रो या मिनी ड्रोन के नाम से पहचाने जाएंगे. ड्रोन उड़ाने के लिए एक यूनिक आइडेंटीफिकेशन नंबर भी लेना होगा.
डीजीसीए के मुताबिक 250 ग्राम से 2 किलो वजन तक के माइक्रो ड्रोन, 2 किलो से 25 किलो, 25 किलो से 150 किलो और उससे ज्यादा वजन वाले ड्रोन पर यूआईएन प्लेट का लगा होना जरूरी होगा. इसके साथ ही आरएफआइडी/सिम, जीपीएस, आरटीएच (रिटर्न टू होम) और एंटी कोलीजन लाइट लगाना भी जरूरी होगा. हालांकि 2 किलो से अधिक वजन वाले मानव रहित मॉडल एयरक्राफ्ट पर केवल आइडी प्लेट लगाना ही जरूरी होगा.
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स्थानीय अधिकारियों की लेनी होगी इजाजत
हवाई अड्डों, दिल्ली के हाई सिक्योरिटी जोन विजय चौक, लुटियन जोन आदि इलाके, सैन्य प्रतिष्ठानों के ऊपर पांच किलोमीटर के दायरे में ड्रोन उड़ान पर पाबंदी होगी. लेकिन प्रतिबंधित क्षेत्रों में नैनो तथा माइक्रो ड्रोन को बंद या कवर्ड परिसर के भीतर स्थानीय अधिकारियों की अनुमति लेकर उड़ाया जा सकेगा. ड्रोन को चलते हुए वाहन, जलपोत, अथवा विमान से नहीं उड़ाया जा सकता. नैनो ड्रोन को 50 फीट तथा अन्य ड्रोन को 200 फीट की ऊंचाई तक पर ही उड़ाया जा सकेगा.
अंतरराष्ट्रीय सीमा, जिसमें नियंत्रण रेखा (एलओसी), वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) तथा वास्तविक भू स्थैतिक रेखा (एजीपीएल) शामिल हैं, के 50 किलोमीटर के दायरे में भी ड्रोन उड़ाने पर पाबंदी रहेगी. ड्रोन को समुद्र और जमीन से कितनी दूरी और ऊंचाई पर उड़ाना है, इसकी सीमाएं भी निर्धारित की गई हैं. जैसे समुद्र तट से 500 मीटर क्षैतिज दूरी तक ही इन्हें उड़ाया जा सकता है. दिल्ली में लुटियन जोन के हाई सिक्यूरिटी इलाके के लिए भी सीमा बताई गई है. इसके अनुसार ड्रोन को हर समय हर तरफ से विजय चौक से पांच किलोमीटर दूर रखना होगा.
इसी प्रकार सैन्य प्रतिष्ठानों तथा गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित स्थानों से इनकी उड़ान दूरी हमेशा 500 मीटर या अधिक होनी चाहिए. जबकि पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील क्षेत्रों, राष्ट्रीय उद्यानों तथा वन्यजीव अभयारण्यों के ऊपर ड्रोन उड़ाने के लिए पूर्व अनुमति लेना जरूरी होगा.
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