हम 100 साल के हो चुके हैं, यह वायरस क्या बला है? कोविड-19 को मात देनेवाले दम्पति ने पूछा


ईरन्ना और ईरम्मा कर्नाटक के बेल्लारी जिले में अपने परिवार के साथ.
Karnataka Husband Wife: ईरम्मा कहती हैं कि हर कोई उनसे पूछता है कि उनके इस लंबे जीवन का राज क्या है और हक़ीक़त यह है कि उन्हें इस बात का पता नहीं है.
बेल्लारी/सौम्या कलसा. आज के समय में लंबे समय तक स्वस्थ और एक साथ जीवित रहना किसी उपलब्धि से कम नहीं है. एक ऐसे भी दम्पति हैं जिन्होंने न केवल 100 की उम्र पार की है, बल्कि जानलेवा कोरोना वायरस का भी हिम्मत और सफलता से सामना किया है. ईरन्ना (103) और ईरम्मा (101) दंपति अपने बच्चों, नाती-पोतियों के साथ बेल्लारी ज़िला के तंबरगुड्डी गाँव में ख़ुशी-ख़ुशी रह रहे हैं. 15 दिन पहले शतायु हो चुके इन दंपतियों को कोरोना से ग्रस्त होने का पता चला और दोनों ने घर में ही अलग रहने का निर्णय लिया और कोविड की दवा लेते रहे. 12 दिनों तक आइसोलेशन में रहने के बाद वे कोरोना से मुक्त हो गए और अब वे आइसोलेशन से बाहर आ चुके हैं. पड़ोसियों ने उनको बधाई दी और कोरोना पर उनके विजय पर ख़ुशियाँ मनाईं.
पेशे से मूलतः किसान ईरन्ना और ईरम्मा के इस दीर्घ जीवन का राज है जीवन में सकारात्मक बने रहना. ईरन्ना जिनके मुंह में अब कोई दांत नहीं बचे हैं, ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘हम साधारण भोजन करते हैं और काफ़ी समय साथ गुज़ारते हैं. अपने जवानी के दिनों में हमने कड़ी मेहनत की है. हमारे पास आपस में बातचीत के लिए मुद्दे की कभी कमी नहीं रही. अगर आप दिल से ख़ुश हैं, तो आपका कुछ भी नुकसान नहीं हो सकता.’ अपने गाँव के घर में ये दंपति अपने सात बच्चे और उनके दो बच्चों के साथ रहते हैं।
ईरम्मा कहती हैं कि हर कोई उनसे पूछता है कि उनके इस लंबे जीवन का राज क्या है और हक़ीक़त यह है कि उन्हें इस बात का पता नहीं है. उन्होंने कहा, ‘लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या आप दोनों में लड़ाई होती है? आप क्या खाते हैं? आप लोग स्वस्थ रहने के लिए क्या करते हैं? लेकिन हक़ीक़त यह है कि हमें इसका उत्तर नहीं मालूम. हम हमेशा ही अपने पास जो भी था उसी से ख़ुश रहे. ईश्वर की कृपा से हम इतने समय तक साथ रह पाए. यह वास्तव में एक विशिष्ट बात है और मैं कृतज्ञ हूँ कि हमारा एक परिवार है.’
वहीं, पड़ोसियों को इस बात की ख़ुशी है कि उनके बीच इस तरह के एक दंपति मौजूद हैं. एक पड़ोसी जयम्मा ने कहा, ‘हम देखते हैं कि लोग अस्पताल जाने और कोविड की जाँच कराने के लिए भी कितना नाटक करते हैं. इन दोनों ने काफ़ी सहयोग किया और स्वास्थ्यकर्मियों ने उन्हें जो भी कहा उसका उन्होंने पालन किया. उन्होंने सभी निर्देशों का पूरी तरह पालन किया और आज वे ठीक हो चुके हैं. अगर इतने बूढ़े लोग भी संक्रमण के बाद ठीक हो सकते हैं, तो युवाओं को डरने की क्या ज़रूरत है? यह हर व्यक्ति के लिए बेहद उत्साहवर्धक बात है.’