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क्या BMC की कोविड रणनीति कारगर रही? मुंबई में ऑक्सीजन, ICU बेड की कमी नहीं


मुंबई में अब कोरोना मरीजों की संख्या काफी कम हुई है. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
1 अप्रैल तक शहर में सामान्य और गंभीर कोरोना रोगियों (Covid Patients) के इलाज के लिए 13963 कोविड बेड थे. लेकिन 15 अप्रैल तक इनकी संख्या 20044 तक पहुंचाई गई. इसमें वेंटिलेटर और आईसीयू बेड भी शामिल थे. बीएसमी के अडिशनर कमिश्नर सुरेश काकानी कहते हैं, ‘शुरुआत में हमारे पास आईसीयू बेड की कमी थी लेकिन हमने इसे बढ़ाया. ऑक्सीजन बेड्स की संख्या भी कम थी लेकिन इसे भी हमने बेहद कम समय में बढ़ाया.’
मुंबई. अप्रैल महीने में देश की आर्थिक राजधानी मुंबई (Mumbai) में कोरोना के नए केस (New Covid Cases) एकाएक बढ़ना शुरू हुए थे. इसकी वजह से हेल्थकेयर सिस्टम पर दबाव बढ़ने लगा था. कोरोना के बढ़े मामलों की वजह से शहर ने ऐसा दिन भी देखा जब कोविड केयर के लिए तैयार आईसीयू और वेंटिलेटर बेड 98 फीसदी भरे हुए दिख रहे थे और ऑक्सीजन बेड 93 फीसदी तक भर गए थे. जैसे-जैसे नंबर बढ़ते वैसे-वैसे गंभीर रोगियों की संख्या भी बढ़ी. जब मरीजों को बेड मिलने में दिक्कतें होनी लगीं तो पैनिक हालात बन गए. इस बीच शहर का म्युनिसिपल कॉरपोरेशन बीएमसी लगातार रणनीति बनाकर स्थितियों को नियंत्रित करने की कोशिश में लगा रहा. यह रणनीति भी बनी कि बढ़ते मरीजों के मद्देनजर तेजी के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार किया जाएगा. बेहद तेजी के साथ बढ़ाई गई बेड की संख्या 1 अप्रैल तक शहर में सामान्य और गंभीर रोगियों के इलाज के लिए 13963 कोविड बेड थे. लेकिन 15 अप्रैल तक इनकी संख्या 20044 तक पहुंचाई गई. इसमें वेंटिलेटर और आईसीयू बेड भी शामिल थे. बीएसमी के अडिशनर कमिश्नर सुरेश काकानी कहते हैं, ‘शुरुआत में हमारे पास आईसीयू बेड की कमी थी लेकिन हमने इसे बढ़ाया. ऑक्सीजन बेड्स की संख्या भी कम थी लेकिन इसे भी हमने बेहद कम समय में बढ़ाया.’इकबाल चहल के नेतृत्व में युद्धस्तर पर हुआ काम कमिश्नर इकबाल चहल के निर्देशन में युद्ध स्तर पर काम करते हुए बीएमसी ने कई निर्णय तेजी के साथ लिए. इनमें बेड की व्यवस्था से लेकर वार्ड वॉर रूम बनाए जाने की योजना शामिल थी. अब मुंबई में नए मामलों की संख्या में काफी कमी आ गई है. अब शहर में बेड्स की व्यवस्था और ज्यादा दुरुस्त हो गई है. सुरेश काकानी का कहना है कि अब 31 हजार से ज्यादा बेड हैं. इसके अलावा 53 सौ और बेड जोड़े जाने हैं जो मुंबई के मलाड, कंजूरमार्ग और सायन इलाके के जंबो कोविड सेंटर्स में होंगे. (MIHIR TRIVEDI की स्टोरी)