कोलकाता. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बृहस्पतिवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए कहा कि राज्य में कोविड-19 की चुनौती से निपटने में उनके नेतृत्व वाली तृणमूल सरकार असफल रही है जिसे छिपाने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर दोषारोपण कर रही हैं. घोष ने कहा कि बनर्जी राज्य में कोविड-19 जैसी महामारी की चुनौती से निपटने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं का निर्माण करने में नाकामयाब रहीं हैं और इसके लिए बेवजह प्रधानमंत्री को दोष दे रहीं हैं. देश में कोविड-19 की मौजूदा स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री के साथ मुख्यंत्रियों और जिलाधिकारियों की आज एक बैठक हुई. इस बैठक के बाद बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बैठक में उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया गया.
राजनीतिक हितों के कारण सही समय पर नहीं लगाया गया लॉकडाउन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री ने अपने राजनीतिक हितों के कारण सही समय पर लॉकडाउन नहीं लगाया और एक विशेष समुदाय के पर्व के समाप्त होने का इंतजार किया. इसके कारण स्थिति और खराब हो गयी. घोष ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘ राज्य में स्वास्थ्य सेवा का बुनियादी ढांचा पूरी तरह से चरमरा गया है, जिसे छिपाने के लिए मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार, प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश पर दोषारोपण कर रहीं हैं. ’’
कोविड उपकरण मुहैया कराने में असफल रही सरकार भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में दवाइयों, अस्पतालों में बिस्तरों और पृथकवास केन्द्रों की भारी कमी है. राज्य सरकार स्वास्थ्यकर्मियों को कोविड से सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरण मुहैया कराने में भी असफल रही है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष दिसंबर में राज्य में कोविड-19 के मरीजों के लिए 13,588 बिस्तर थे, जिन्हें घटाकर अप्रैल में 7,776 कर दिया गया. यदि मुख्यमंत्री दूसरी लहर के बारे में जानतीं थीं तो बिस्तरों की संख्या कम क्यों की गयी.
इससे पहले बनर्जी ने प्रधानमंत्री की बृहस्पतिवार को हुई बैठक को ‘सुपर फ्लॉप’ करार देते हुए कहा कि उन्हें और अन्य कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बोलने नहीं दिया गया जो उनके अपमान के समान है. बनर्जी ने यह दावा भी किया कि केवल भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक में बोलने दिया गया, जबकि दूसरों को ‘कठपुतली’ बनाकर रख दिया गया.