इडुक्की. फलस्तीनी रॉकेट हमले की चपेट में आकर इजराइल में जान गंवाने वाली सौम्या संतोष को रविवार को कीरिथोदु के एक ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया गया. इस दौरान कोविड-19 बचाव नियमों का पालन सुनिश्चित किया गया. वरिष्ठ पादरी फादर जोस प्लाचिकल ने कहा कि सौम्या के अंतिम संस्कार की रस्में कीरिथोदु के नित्या सहाय माता गिरजाघर में अपराह्न करीब 3:45 बजे पूरी की गईं. इस दौरान, सायरो-मालाबार गिरिजाघर प्रमुख कार्डिनल जॉर्ज एलेनचेरी का एक संदेश पढ़ा गया. इससे पहले, कोविड संबंध बचाव नियमों का पालन करते हुए लोगों ने सौम्या के आवास पर पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की. स्थानीय लोगों और नेताओं के अलावा दक्षिण भारत में इजराइल के राजनयिक जोनाथन जादका ने भी सौम्या के घर पहुंचकर उन्हें श्रद्धाजंलि दी.
इजराइल में घरेलू सहायिका के तौर पर काम करती थीं सौम्या इडुक्की जिले की निवासी सौम्या (30) बीते सात साल से इजराइल में घरेलू सहायिका के तौर पर काम कर रही थीं. सौम्या के परिवार के अनुसार मंगलवार को जब वह केरल में मौजूद अपने पति से वीडियो कॉल के जरिये बात कर रही थीं, तभी एश्केलॉन शहर में स्थित उनके घर पर रॉकेट गिरा, जिसमें उनकी मौत हो गई.
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बता दें कि भारतीय नर्स सौम्या संतोष का शव शनिवार को सुबह भारत आ गया था. दिल्ली एयरपोर्ट पर मौजूद केंद्रीय मंत्री (Union Minister) वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) और नई दिल्ली में इजराइली मिशन की डिप्टी राजदूत (Israel’s Deputy Envoy) ने सौम्या संतोष के शव को फूलमाला अर्पित कर श्रद्धांजलि दी थी.