राष्ट्रीय
पंजाब में अमरिंदर के कोविड फतह अभियान की शुरुआत, यूपी को लेकर योगी पर भी कसा तंज़


पंजाब के सीएम ने यूपी के गांवों की स्थिति पर तंज़ कसा.
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए देश के सभी राज्यों की सरकारें अपने स्तर से काम कर रही हैं. इसी बीच सियासी तीरंदाज़ी भी जारी है. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर ने पंजाब के गांवों को कोविड की चपेट में आने से बचाने के लिए अभियान की शुरुआत की, लेकिन उन्होंने इसमें उत्तर प्रदेश के गांवों के हालात पर भी कुछ ऐसा कहा, जो योगी आदित्यनाथ को ज़रूर चुभेगा.
चंडीगढ़. देश में कोरोना वायरस संक्रमण के हालात खराब हैं. मौतों का आंकड़ा घट नहीं रहा. इसी बीच पंजाब और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के बीच वाकयुद्ध जारी है. पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह ने राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना वायरस के संक्रमण से निपटने के लिए रविवार को एक अभियान शुरू किया, जिसका नाम उन्होंने दिया- कोविड फतह. इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कोरोना मुक्त पिंड अभियान की शुरुआत करते हुए उत्तर प्रदेश पर तंज़ भी कसा. उन्होंने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश के गांवों में जिस तरह की स्थिति है उससे बचने’की तत्काल आवश्यकता है. पंजाब के मुख्यमंत्री ने उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में संक्रमण के कथित प्रसार का उल्लेख किया. क्यों अमरिंदर सिंह को याद आया उत्तर प्रदेश? दरअसल पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने मलेरकोटला को पंजाब का 23वां जिला घोषित किया है. जिस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से एक ट्वीट किया गया था. योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया था, ‘मत और मजहब के आधार पर किसी प्रकार का विभेद भारत के संविधान की मूल भावना के विपरीत है. मलेरकोटला जिले (पंजाब) का गठन किया जाना कांग्रेस की विभाजनकारी नीति का परिचायक है.’ योगी आदित्यनाथ के इस ट्वीट को पंजाब के सीएम ने ‘भड़काऊ’ करार देते हुए इसी आलोचना की और इसे शांतिपूर्ण राज्य में ‘सांप्रदायिक घृणा’ उत्पन्न करने का एक प्रयास बताया था. अमरिंदर सिंह ने उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार पर विभाजनकारी राजनीति का आरोप लगाते हुए उसकी तुलना पंजाब के सांप्रदायिक सद्भाव से करते हुए कहा कि आदित्यनाथ को उनके राज्य के मामलों से दूर रहना चाहिये क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुकाबले पंजाब के हालात बहुत बेहतर हैं. क्या है कोविड फतह कार्यक्रमपंजाब के सीएम ने अभियान कोविड-फतह को ‘समुदाय के सभी वर्गों की भागीदारी की आवश्यकता वाला युद्ध’ करार दिया. पंजाब के मुख्यमंत्री ने राज्य के स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास विभागों को अभियान का नेतृत्व करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खतरों के खिलाफ ग्रामीणों में जागरूकता फैलाने के लिए पूरे कर्मचारियों का उपयोग किया जाना चाहिए. पंजाब में कोरोना की स्थिति
पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 4 लाख 91 हजार हैं, जबकि राज्य में वायरस की चपेट में आकर 11 हजार 693 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में सरकार ने लॉकडाउन लगा रखा है, जिसे अब बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है. इस दौरान राज्य में काफी सख्ती बरती जा रही है ताकि संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके. पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने रविवार को संगरूर में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और महत्वपूर्ण मापन मॉनिटरों से लैस 100 बिस्तरों वाली इकाई का उद्घाटन किया. उन्होंने एक कोविड-19 वॉर-रूम भी स्थापित किया, जो बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन, प्लाज्मा डोनर, ब्लड की उपलब्धता, टीके और दवाओं के मामले में चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करेगा.
पंजाब में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 4 लाख 91 हजार हैं, जबकि राज्य में वायरस की चपेट में आकर 11 हजार 693 लोगों की जान जा चुकी है. राज्य में सरकार ने लॉकडाउन लगा रखा है, जिसे अब बढ़ाकर 31 मई तक कर दिया गया है. इस दौरान राज्य में काफी सख्ती बरती जा रही है ताकि संक्रमण की चेन तोड़ी जा सके. पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने रविवार को संगरूर में कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और महत्वपूर्ण मापन मॉनिटरों से लैस 100 बिस्तरों वाली इकाई का उद्घाटन किया. उन्होंने एक कोविड-19 वॉर-रूम भी स्थापित किया, जो बिस्तरों की संख्या, ऑक्सीजन, प्लाज्मा डोनर, ब्लड की उपलब्धता, टीके और दवाओं के मामले में चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करेगा.